सापेक्ष सर्वनाम (Relative Pronouns) हिंदी भाषा के व्याकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये शब्द वाक्यों को जोड़ने और उन्हें अधिक स्पष्ट एवं अर्थपूर्ण बनाने में सहायता करते हैं। सापेक्ष सर्वनाम उन सर्वनामों को कहते हैं जो मुख्य वाक्य के साथ किसी उपवाक्य को जोड़ते हैं और उस उपवाक्य में मुख्य वाक्य के किसी संज्ञा या सर्वनाम का स्थान ग्रहण करते हैं।
सापेक्ष सर्वनाम मुख्य रूप से ‘जो’, ‘जिसने’, ‘जिसका’, ‘जिसे’, ‘जिन्होंने’, ‘जिनका’, ‘जिन्हें’, ‘जिनके’, ‘जिनसे’ आदि होते हैं। ये सर्वनाम वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करते हैं और वाक्य को अधिक विस्तृत एवं स्पष्ट बनाते हैं।
सापेक्ष सर्वनामों का प्रयोग
सापेक्ष सर्वनामों का प्रयोग मुख्य वाक्य और उपवाक्य को जोड़ने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए:
1. वह व्यक्ति जो पुस्तक पढ़ रहा है, मेरा मित्र है।
2. वह लड़की जिसने गाना गाया, बहुत प्रतिभाशाली है।
3. वह घर जिसका रंग सफेद है, मेरा है।
इन वाक्यों में ‘जो’, ‘जिसने’, ‘जिसका’ सापेक्ष सर्वनाम हैं जो मुख्य वाक्य और उपवाक्य को जोड़ते हैं।
सापेक्ष सर्वनामों के प्रकार
सापेक्ष सर्वनामों को उनके प्रयोग के आधार पर विभिन्न प्रकारों में बाँटा जा सकता है:
1. **विषयवाचक सापेक्ष सर्वनाम**: ये सर्वनाम वाक्य में कर्ता का स्थान ग्रहण करते हैं। जैसे – ‘जो’, ‘जिसने’, ‘जिन्होंने’ आदि।
– उदाहरण: वह छात्र जो प्रथम आया, बहुत परिश्रमी है।
2. **कर्मवाचक सापेक्ष सर्वनाम**: ये सर्वनाम वाक्य में कर्म का स्थान ग्रहण करते हैं। जैसे – ‘जिसे’, ‘जिन्हें’ आदि।
– उदाहरण: वह पुस्तक जिसे उसने पढ़ा, बहुत रोचक है।
3. **सम्बंधवाचक सापेक्ष सर्वनाम**: ये सर्वनाम वाक्य में सम्बन्ध का स्थान ग्रहण करते हैं। जैसे – ‘जिसका’, ‘जिनका’, ‘जिसकी’, ‘जिनकी’ आदि।
– उदाहरण: वह बच्चा जिसका खिलौना टूट गया, रोने लगा।
4. **अपादानवाचक सापेक्ष सर्वनाम**: ये सर्वनाम वाक्य में अपादान का स्थान ग्रहण करते हैं। जैसे – ‘जिससे’, ‘जिनसे’ आदि।
– उदाहरण: वह व्यक्ति जिससे मैंने मदद मांगी, बहुत दयालु है।
सापेक्ष सर्वनामों का सही उपयोग
सापेक्ष सर्वनामों का सही उपयोग करने के लिए यह समझना आवश्यक है कि वे किस प्रकार वाक्य के विभिन्न घटकों से संबंधित होते हैं।
1. **कर्तृवाच्य वाक्य**:
– उदाहरण: वह व्यक्ति जो सामने खड़ा है, मेरा मित्र है।
– यहां ‘जो’ व्यक्ति (कर्त्ता) को संदर्भित कर रहा है।
2. **कर्मवाच्य वाक्य**:
– उदाहरण: वह पुस्तक जिसे मैंने पढ़ा, बहुत रोचक थी।
– यहां ‘जिसे’ पुस्तक (कर्म) को संदर्भित कर रहा है।
3. **सम्बन्धवाच्य वाक्य**:
– उदाहरण: वह लड़की जिसकी पेंसिल खो गई, बहुत परेशान है।
– यहां ‘जिसकी’ लड़की (सम्बन्ध) को संदर्भित कर रहा है।
4. **अपादानवाच्य वाक्य**:
– उदाहरण: वह व्यक्ति जिससे मैंने बात की, बहुत ज्ञानी है।
– यहां ‘जिससे’ व्यक्ति (अपादान) को संदर्भित कर रहा है।
सापेक्ष सर्वनामों के साथ विशेष ध्यान रखने योग्य बातें
1. **वाक्य की संरचना**: सापेक्ष सर्वनामों का प्रयोग करते समय वाक्य की संरचना पर विशेष ध्यान देना चाहिए। वाक्य का सही क्रम और सापेक्ष सर्वनाम का सही स्थान वाक्य को अर्थपूर्ण बनाता है।
– गलत: वह व्यक्ति किताब पढ़ रहा है जो मेरा मित्र है।
– सही: वह व्यक्ति जो किताब पढ़ रहा है, मेरा मित्र है।
2. **सम्बन्ध की स्पष्टता**: सापेक्ष सर्वनाम का प्रयोग करते समय यह स्पष्ट होना चाहिए कि वह किस संज्ञा या सर्वनाम को संदर्भित कर रहा है। अस्पष्टता वाक्य के अर्थ को प्रभावित कर सकती है।
– अस्पष्ट: मैंने उसे देखा जो पेंट कर रहा था।
– स्पष्ट: मैंने उस आदमी को देखा जो दीवार पेंट कर रहा था।
3. **विभिन्न सापेक्ष सर्वनामों का सही प्रयोग**: सापेक्ष सर्वनामों का सही प्रयोग सुनिश्चित करना आवश्यक है, ताकि वाक्य सही अर्थ प्रदान कर सके।
– उदाहरण:
– उसने वह किताब पढ़ी जो बहुत प्रसिद्ध है। (सही)
– उसने वह किताब पढ़ी जिसने बहुत प्रसिद्ध है। (गलत)
सापेक्ष सर्वनामों का अभ्यास
सापेक्ष सर्वनामों का सही प्रयोग करने के लिए अभ्यास आवश्यक है। निम्नलिखित अभ्यास आपकी मदद कर सकते हैं:
1. **रिक्त स्थान भरें**:
– वह लड़का ________ किताब खो गई, बहुत परेशान है।
– वह महिला ________ गाना गा रही है, मेरी बहन है।
– वह व्यक्ति ________ मैंने देखा, बहुत ज्ञानी है।
2. **वाक्य बनाएं**:
– कुत्ता / भौंक रहा है / वह / मेरा है।
– बच्चा / रो रहा है / जिसका / खिलौना टूट गया।
3. **वाक्य सुधारें**:
– वह व्यक्ति किताब पढ़ रहा है जो मेरा मित्र है।
– मैंने उसे देखा जो पेंट कर रहा था।
सापेक्ष सर्वनामों के अन्य उदाहरण
1. वह छात्र जिसने प्रतियोगिता जीती, बहुत प्रतिभाशाली है।
2. वह घर जिसका रंग नीला है, बहुत सुंदर है।
3. वह व्यक्ति जिससे मैंने मार्गदर्शन मांगा, बहुत ज्ञानी है।
4. वह लड़की जिसे पुरस्कार मिला, बहुत खुश है।
सापेक्ष सर्वनाम न केवल वाक्यों को जोड़ने का काम करते हैं, बल्कि वे वाक्य को अधिक स्पष्ट और संप्रेषणीय भी बनाते हैं। इनका सही प्रयोग भाषा की समझ को और भी गहरा बनाता है।
निष्कर्ष
सापेक्ष सर्वनाम हिंदी भाषा के महत्वपूर्ण घटक हैं जो वाक्य संरचना को स्पष्ट और अर्थपूर्ण बनाते हैं। इनके सही प्रयोग से न केवल भाषा की सुंदरता बढ़ती है, बल्कि संवाद की प्रभावशीलता भी बढ़ती है। अभ्यास और सही समझ से आप सापेक्ष सर्वनामों का कुशलता से प्रयोग कर सकते हैं, जिससे आपकी भाषा और भी परिपक्व और प्रभावशाली बन जाएगी।
अंत में, यह कहना उचित होगा कि सापेक्ष सर्वनामों का सही और सटीक प्रयोग आपकी भाषा की दक्षता को नई ऊँचाइयों पर ले जा सकता है। नियमित अभ्यास और सतर्कता से आप इनका सही उपयोग कर सकते हैं।
अपनी भाषा को और भी सशक्त और प्रभावी बनाने के लिए सापेक्ष सर्वनामों का प्रयोग अवश्य करें और अपने लेखन और बोलचाल में उनका सही स्थान सुनिश्चित करें।